स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ हृदय का होना बहुत जरूरी है, इसलिए हृदय के प्रति लापरवाही बिलकुल भी नहीं बरतनी चाहिए। आज के लाइफस्टाइल
और अनियमित आहार के कारण 30 से 40 साल की उम्र में ही लोगों को हृदय के रोग होने लगे हैं। यह समस्या इतनी आम हो चुकी है कि हर
परिवार में कोई न कोई सदस्य हृदय रोग से ग्रस्त है। यही नहीं बल्कि अब तो छोटी उम्र के बच्चे भी इस बीमारी का शिकार होते जा रहे हैं। भारत
में खराब लाइफस्टाइल, तनाव, एक्सरसाइज न करने और अनियमित फूड हैबिट्स की वजह से लोगों को हृदय से संबंधित गंभीर रोग होने लगे हैं।
हृदय रोग, दुनिया में मृत्यु और विकलांगता का प्रमुख कारण है, और ह्रदय रोगों के कारण हर साल किसी और रोग की तुलना में अधिक मौतें होती
हैं, इसलिए यह बेहद जरूरी है कि हम अपने हृदय की सेहत का खास ख्याल रखें।
हृदय छाती के मध्य में, थोड़ी सी बाईं ओर स्थित होता है। यह एक दिन में लगभग 1 लाख बार धडकता है एवं एक मिनट में 60-90 बार धडकता
है। यह हर धडकन के साथ शरीर में रक्त को पम्प करता है। हृदय को पोषण एवं अक्सीजन, रक्त के जरिए मिलता है जो कोरोनरी आर्टरीज
द्वारा प्रदान किया जाता है। हृदय दो भागों में विभाजित होता है, दायां एवं बायां। हृदय के दाहिने एवं बाएं, प्रत्येक ओर दो चौम्बर (एट्रिअम एवं
वेंट्रिकल नाम के) होते हैं। कुल मिलाकर हृदय में चार चौम्बर होते हैं। हृदय का दाहिना भाग शरीर से दूषित रक्त प्राप्त करता है एवं उसे फेफड़ों में
पम्प करता है। रक्त फेफड़ों में शोधित होकर ह्रदय के बाएं भाग में वापस लौटता है जहां से वह शरीर में वापस पम्प कर दिया जाता है।
हृदय रोग के कारण-
-कोलेस्ट्रल बढना
-धूम्रपान
-शराब पीना
-तनाव
-आनुवांशिकता (हरेडिटी)
-मोटापा
-उच्च रक्तचाप
हृदय की बीमारी के लक्षण-
1. छाती में बेचौनी महसूस होना-
यदि आपकी आर्टरी ब्लॉक है या फिर हार्ट अटैक आने की आशंका है तो आपको छाती में दबाव महसूस होगा और दर्द के साथ
ही खिंचाव महसूस होगा।
2. मतली, हार्टबर्न और पेट में दर्द -
दिल संबंधी कोई भी गंभीर समस्या होने से पहले कुछ लोगों को मितली आना, सीने में जलन, पेट में दर्द होना या फिर पाचन
संबंधी दिक्कतें आने लगती हैं।
3. हाथ में दर्द होना-
कई बार दिल के रोगी को छाती और बाएं कंधे में दर्द की शिकायत होने लगती है। ये दर्द धीरे-धीरे हाथों की तरफ नीचे की
ओर जाने लगता है।
4. कई दिनों तक कफ होना-
यदि आपको काफी दिनों से खांसी-जुकाम हो रहा है और थूक सफेद या गुलाबी रंग का हो रहा है तो ये हार्ट फेल का एक
लक्षण है।
5. सांस लेने में दिक्कत-
सांस लेने में दिक्कतें होना या फिर कम सांस आना हार्ट फेल होने का बड़ा लक्षण है।
6. सामान्य से अधिक पसीना-
सामान्य से अधिक पसीना आना खासतौर पर तब जब आप कोई शारीरिक क्रिया नहीं कर रहे तो ये आपके लिए एक चेतावनी
हो सकती है।
7. पैरों में सूजन-
पैरों में, टखनों में, तलवों में और ऐंकल्स में सूजन आने का मतलब ये भी हो सकता है कि आपके हार्ट में ब्लड का सर्कुलेशन
ठीक से नहीं हो रहा।
8. हाथ-कमर और ज में दर्द होना-
हाथों में दर्द होना, कमर में दर्द होना, गर्दन में दर्द होना और यहां तक की ज में दर्द होना भी दिल की बीमारियों का एक
लक्षण हो सकता है।
9. चक्कर आना या सिर घूमना-
कई बार चक्कर आने, सिर घूमने, बेहोश होने और बहुत थकान होने जैसे लक्षण भी एक चेतावनी हैं।
-आयुर्वेद का वरदान है ‘हृदयस्थ किट’-
आयुर्वेद में प्रत्येक रोग का जड़ से उपचार संभव है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति हमारे ज्ञानवान, तपस्वी ऋषि-मुनि की देन है जिसका हम लोग सदियों
से असाध्य रोगों को दूर करने के लिये इस्तेमाल कर रहे हैं। आयुर्वेदिक दवाओं का निर्माण लाभकारी जड़ी-बूटियों से किया जाता है, जो शरीर पर
किसी भी प्रकार का दुष्प्रभाव नहीं डालती। यानि ऐसा नहीं होता कि जिस रोग के उपचार के लिये हम दवा ले रहे हैं, वह तो ठीक हो जाये, लेकिन
इन दवाईयों का विपरीत असर हो जाये जिससे कोई दूसरा रोग उत्पन्न हो जाये। पाचन से संबंधित समस्याओं से मुक्ति दिलाने के लिये एस.बी.एस.
हर्बल प्रा. लि. के अनुभवी आयुर्वेदाचायों की टीम ने रिसर्च कर ‘ हृदयस्थ किट’ तैयार की है। इस किट में बहुमूल्य जड़ी-बूटियों से बनाई गई
आयुर्वेदिक दवाइयों का समावेश है। ‘संधिमुक्ता किट’ में हृदयस्थ वटी, हृदयस्थ ग्रेन्यूल्स, नित्तम फ्रेश पाउडर और एसबीएस हर्बल टी का समावेश है।
हृदयस्थ वटी और हृदयस्थ ग्रेन्यूल्स हृदय के रोगों को ठीक करने में सहायता करते हैं, नित्तम फ्रेश पाउडर शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता
है और वहीं, एसबीएस हर्बल टी एंटीअक्सीडेंट्स से भरपूर होती है, जो अन्य बीमारियों से शरीर की रक्षा करती है। इससे प्रतिरक्षा भी मजबूत
होती है। इस कंपलीट आयुर्वेदिक पैकेज को नियमित लेने से हृदय से संबंधित सभी रोगों से मुक्ति और हृदय की कार्यक्षमता बढ़ती है।
एस.बी.एस. हर्बल प्रा. लि. का यहीं उद्देश्य है कि संपूर्ण भारतवासी स्वस्थ रहें, बीमारियों से बचे रहें और सभी भारतवासी निरंतर प्रगति के पथ पर
अग्रसर रहें।
सेवन विधि:
हृदयस्थ वटी - 1-1 गोली सुबह व शाम खाना खाने के बाद पानी के साथ ले या चिकित्सक के परामर्शानुसार।
हृदयस्थ ग्रेन्यूल्स - आधा आधा चम्मच सुबह शाम खाने के बाद पानी के साथ या चिकित्सक के परामर्शानुसार।
नित्तम फ्रेश पाउडर - 1 चम्मच रात को सोते समय गुनगुने पानी के साथ या चिकित्सक के परामर्शानुसार।
एसबीएस हर्बल टी - चौथाई चम्मच दिन मे दो बार एक कप पानी में उबालकर छानकर पीयें या चिकित्सक के परामर्शानुसार।