स्वस्थ महिला स्वस्थ समाज की नींव होती है। अगर नारी अस्वस्थ है तो स्वस्थ समाज का जन्म नही हो सकता। अव्यवस्थित जीवन शैली व अनुचित
खानपान के कारण नारी का शरीर अनेकों रोगों का घर बन जाता है। ऐसे ऐसे रोग जिनसे प्रत्येक 100 में से 80 प्रतिशत महिलायंे महिला रोग से
ग्रस्त है। जैसे ल्यूकोरिया, अनियमित मासिक धर्म, भारी रक्तस्राव, कम रक्तस्राव, वेदनामय मासिक धर्म, समय से पूर्व बंद मासिक धर्म, हार्मोनल
प्रॉब्लम, इनपफ्रटलिटी, योनि से बदबूदार स्राव, सिस्ट, रसौली इत्यादि। ये सारी बिमारियाँ एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। अगर इनमें से एक भी महिला
रोग से आप ग्रस्त है तो तुरन्त उपचार शुरु कर दें। लेकिन विडम्बना की बात यह है कि 80 प्रतिशत महिलाओं में से 75 प्रतिशत महिलाये इन रोगों
को गम्भीरता से नही लेती हैं और कुछ महिलायें लज्जा के कारण अपना रोग किसी से व्यक्त नही करती है। परिणामतः ये रोग अन्य रोगों को जन्म
दे देते हैं। जैसे- शरीर का वजन बढ़ना, बैड कोलेस्ट्रॉल का बढ़ जाना, सिर के बाल झड़ना, एक्ने होना, ब्लैक हैड्स होना, शरीर पर अनावश्यक बालों
का बढ़ जाना, कमर दर्द होना, तनाव में रहना, व्यवहार का चिड़चिड़ा हो जाना, डायबिटीज व कैंसर का खतरा बढ़ जाना, सेक्सुअल डिज़ायर में कमी,
नींद न आना, स्तनों में दर्द रहना, त्वचा का शुष्क होना इत्यादि। जब आप इन समस्याओं को लेकर डॉक्टर के पास जाते हैं तो वो आपको बहुत से
टेस्ट लिख कर देते हैं। लम्बे समय तक औषधि का सेवन करने की सलाह देते हैं। परिणाम शून्य ही रह जाता है। परन्तु एस बी एस चाहता है कि
हर महिला अपना ईलाज स्वयं कर पाये और स्वस्थ जीवन जीये। इसलिए आपके लिए अच्छा जीवन जीने के कुछ नुस्खों के साथ वैदिक जड़ी बूटियों
से बनी एक किट ‘नार्योचक्रा’ लेकर आये हैं।
1 नार्योचक्रा च्वूमत
2 नार्योचक्रा ।ळ ॅंेी
3 नार्योचक्रा ब्नतम टेबलेट
4 नार्योचक्रा फ्रेश पाउडर
नार्योचक्रा पॉवर:- यह गर्भाशय के शैथिल्य व पीड़ा को दूर करता है। इसके सेवन से अनियमित चक्र की समस्या शीघ्र दूर होती है। इससे भारी
या कम रक्त स्राव की क्रिया भी सुव्यवस्थित हो जाती है।
उपयोग विधि:-
1. एक चम्मच (5 ग्राम ) प्रातःकाल खाली पेट एक गिलास दूध के साथ सेवन करें।
2. नार्योचक्रा क्योर टेबलेट:- यह ल्यूकोरिया की समस्या में रामबाण कार्य करती है। इसके सेवन से योनि से बदबूदार स्राव आना धीरे-धीरे बंद
हो जाता है। यह मासिक धर्म के दिनों में आई आलस्य की समस्या को दूर कर महिला को ऊर्जायित रखती है।
उपयोग विधि:- एक गोली सुबह भोजन के एक घण्टे के बाद और एक गोली शाम को भोजन के एक घण्टे बाद पानी के साथ सेवन करें।
3. नार्योचक्रा फ्रेश:- यह पाउडर पेट में आई नित्यप्रति की अशुद्धि व मल को दूर कर नार्योचक्रा औषधि की कार्यप्रणाली
को तीव्र करता है। महिलाओं के बढ़ते वजन को नियंत्रित कर मासिक चक्र में आ रही विकृतियों को दूर करने में सहायक है।
उपयोग विधि:- एक चम्मच रात को सोने से पूर्व गुनगुने पानी के साथ सेवन करें। इसको लेने का निश्चित समय ळें।
इस समय ही क्यों?
हमारे शरीर के सभी अंग यूँ तो कार्य प्रणाली के अनुसार पूर्ण दिन कार्य करते हैं किंतु प्रत्येक अंग का एक निश्चित
व विशेष समय होता है। उस अवयव या अंग से रुग्न व्यक्ति अगर उसी निश्चित समय पर औषध का सेवन करता है तो परिणाम
शीघ्र व अति उत्तम मिलता है।
रात्रि भोजन के पश्चात् पाचन क्रिया पूर्ण होने पर प्रातःकाल पचे हुए भोजन के पौष्टिक तत्त्वों को तो शरीर अवशोषित कर लेता है
और बचे हुए अवशिष्ट पदार्थ शरीर में संचित हो जाते हैं।
4. नार्योचक्रा AG Wash:- महिलाओं के शरीर का योनि भाग की स्वच्छता पर महिलाओं का स्वस्थ जीवन टिका होता
है। अगर इस भाग की स्वच्छता पर ध्यान न दिया जाऐ तो महिला को थ्नदहंस प्दमिबजपवद, ल्यूकोरिया जैसी अनेको बिमारियों का
सामना करना पड़ सकता है। इसलिए महिलाओं के इस भाग की स्वच्छता हेतु AG Wash आवश्यक है।
उपयोग विधि:- दिन में दो से तीन बार सुविधानुसार AG Wash का प्रयोग कर स्वच्छ जल से योनि भाग
को साफ करें ।
4. दिन में तीन समय खाने की बजाय उतने ही खाने को छह या सात बार में खाएं।
5. धूम्रपान और शराब का सेवन कम कर दें या संभव हो तो बिलकुल छोड़ दें।
6. आफिस के काम की ज्यादा टेंशन नहीं रखें और रात को पर्याप्त नींद लें। कम नींद सेहत के लिए ठीक नहीं है। तनाव को कम करने के लिए आप
ध्यान लगाएं या संगीत आदि सुनें।
7. नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच कराते रहें और शुगर लेवल को रोजाना मनीटर करें ताकि वह कभी भी लेवल से ज्यादा नहीं हो। एक बार
शुगर बढ़ जाता है तो उसके लेवल को नीचे लाना काफी मुश्किल काम होता है और इस दौरान बढ़ा हुआ शुगर स्तर शरीर के अंगों पर अपना बुरा
प्रभाव छोड़ता रहता है।
8. गेहूं और जौ 2-2 किलो की मात्रा में लेकर एक किलो चने के साथ पिसवा लें। इस आटे की बनी चपातियां ही भोजन में खाएं।
9. मधुमेह रोगियों को अपने भोजन में करेला, मेथी, सहजन, पालक, तुरई, शलगम, बैंगन, परवल, लौकी, मूली, फूलगोभी, ब्रौकोली, टमाटर, बंद गोभी
और पत्तेदार सब्जियों को शामिल करना चाहिए।
10. फलों में जामुन, नींबू, आंवला, टमाटर, पपीता, खरबूजा, कच्चा अमरूद, संतरा, मौसमी, जायफल, नाशपाती को शामिल करें। आम, केला, सेब,
खजूर तथा अंगूर नहीं खाना चाहिए क्योंकि इनमें शुगर ज्यादा होता है।
11. मेथी दाना रात को भिगो दें और सुबह प्रतिदिन खाली पेट उसे खाना चाहिए।
12. खाने में बादाम, लहसुन, प्याज, अंकुरित दालें, अंकुरित छिलके वाला चना, सत्तू और बाजरा आदि शामिल करें तथा आलू, चावल और मक्खन का
बहुत कम उपयोग करें।
आयुर्वेद का वरदान है ‘ मधुप्रमेह किट‘
आयुर्वेद में प्रत्येक रोग का जड़ से उपचार संभव है। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति हमारे ज्ञानवान, तपस्वी ऋषि-मुनि की देन है जिसका हम लोग सदियों से
असाध्य रोगों को दूर करने के लिये इस्तेमाल कर रहे हैं। आयुर्वेदिक दवाइयों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इनका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता
यानि ऐसा नहीं कि जिस रोग के उपचार के लिये हम दवा ले रहे हैं, वह तो ठीक हो जाये, लेकिन इन दवाईयों के विपरीत असर से दूसरा रोग उत्पन्न
हो जाये। मधुमेह यानि शुगर ऐसा रोग है जो बेहद खतरनाक है और आसानी से रोगी का पीछा नहीं छोड़ता। इस जटिल रोग से मुक्ति दिलाने के लिये
एस.बी.एस. हर्बल प्रा. लि. के अनुभवी आयुर्वेदाचायों की टीम ने लंबे समय तक रिसर्च कर मधुप्रमेह किट तैयार की है। इस किट में बहुमूल्य जड़ी-बूटिया
से बनाई गई चार आयुर्वेदिक दवाइयों का समावेश है। ‘मधुप्रमेह किट’ में मधुप्रमेह वटी, मधुप्रमेह ग्रेन्यूअल, नित्तम फ्रेश पाउडर और एसबीएस हर्बल टी
का समावेश है। मधुप्रमेह वटी और मधुप्रमेह ग्रेन्यूअल मधुमेह रोग को ठीक करने में सहायता करते हैं, नित्तम फ्रेश पाउडर शरीर से विषैले पदार्थों को
बाहर निकालता है और वहीं, एसबीएस हर्बल टी एंटीअक्सीडेंट्स से भरपूर होती है, जो अन्य बीमारियों से शरीर की रक्षा करती है। इसे पीने से
शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली यानि इम्युनिटी सिस्टम भी मजबूत होता है। इस कंपलीट आयुर्वेदिक पैकेज को नियमित लेने से मधुमेह से मुक्ति मिलती है और
शरीर स्वस्थ रहता है। एस.बी.एस. प्रा. लि. का यहीं उद्देश्य है कि संपूर्ण भारतवासी स्वस्थ रहें, बीमारियों से बचे रहें और भारतवासी निरंतर प्रगति के
पथ पर अग्रसर रहें।
सेवन विधि:
मधुप्रमेह वटी - 1-1 गोली सुबह व शाम खाना खाने के बाद पानी के साथ ले या चिकित्सक के परामर्शानुसार।
मधुप्रमेह ग्रेन्यूल्स - आधा आधा चम्मच सुबह शाम खाने के बाद पानी के साथ या चिकित्सक के परामर्शानुसार।
नित्तम फ्रेश पाउडर - 1 चम्मच रात को सोते समय गुनगुने पानी के साथ या चिकित्सक के परामर्शानुसार।
एसबीएस हर्बल टी - चौथाई चम्मच दिन मे दो बार एक कप पानी में उबालकर छानकर पीयें या चिकित्सक के परामर्शानुसार।